Bihar ke Babu veer kuwar Singh ji ki Jivani | बिहार के बाबू वीर कुंवर सिंह जी की जीवनी।

 

वीर कुंवर सिंह 

दोस्तो आज हम जिस वीर के बारे में में जानकारी देने जा रहे हैं। उनकी बिरता और बहादुरी से रोम भी डर से भाय जाता है।
जी हा आज हम बात कर रहे हैं। बिहार के सपूत और मा भारत के बेटे बाबू वीर कुंवर सिंह जी की।

veer kuwar singh


बीर कुंवर सिंह कौन थे?

वीर कुंवर सिंह सैन 1857 के पार्थम स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही और महानायक थे. उन्हे लोकप्रिय रूप से वीर बाबू कुंवर सिंह के नाम से जाना जाता है।

वीर कुंवर सिंह का जन्म कब और कहा हुआ था?

वीर कुंवर सिंह का जन्म 13 नवंबर 1777 को बिहार के भोजपुर जिले के जगदीशपुर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम साहबजादा सिंह और माता का नाम पंचरतन देवी था । उनके पिता जगदीशपुर रियासत के जमींदार थे ; वे वीर होने के साथ - साथ स्वाभिमानी एवं उदार स्वभाव के व्यक्ति थे । इनका परिवार राजा विक्रमादित्य और राजा भोज का वंशज माना जाता है । कुँवर सिंह की प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत घर पर हुई थी । कुंवर सिंह को बचपन से ही शिक्षा से अधिक शौर्य - युक्त कार्यों में रुचि थी । उनका मन घुड़सवारी , तलवारबाजी और कुश्ती लड़ने में अधिक लगता था । वीर कुँवर सिंह ने अपने पिता की मृत्यु के बाद अपनी रियासत की जिम्मेदारी संभाली । 

वीर कुंवर सिंह का शादी कब और किससे हुआ था?

वीर कुंवर सिंह ने राजा फतेह नारायण सिंह की बेटी धर्मन बाई से शादी की , जो गया जिले के एक धनी जमींदार थे । उन दिनों ब्रिटिश हुकूमत का अत्याचार चरम पर था ; ऐसी स्थिति में वह ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लेने का संकल्प लिया और ब्रिटिश सेना के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी । उन्होंने मार्शल आर्ट की भी ट्रेनिंग ली थी , माना जाता है कि छत्रपति शिवाजी महाराज के बाद भारत में दूसरे योद्धा थे । उन्हें गोरिल्ला युद्ध नीति की जानकारी थी । अपनी इस नीति का उपयोग उन्होंने बार - बार अंग्रेजों को हराने के लिए किया था । विद्रोह के दौरान उनकी सेना को गंगा नदी पार करनी पड़ी थी । डगलस की सेना ने उनकी नाव पर गोलीबारी शुरू कर दी । एक गोली सिंह की बायीं कलाई में चकनाचूर हो गई । सिंह को लगा कि उसका हाथ बेकार हो गया है और गोली लगने से संक्रमण का अतिरिक्त खतरा है । उन्होंने तलवार खींची और अपना बायाँ हाथ कोहनी के पास काट कर गंगा को अर्पित कर दिया ।

वीर कुंवर सिंह जी का मृत्यु कब हुआ था?

वीर कुंवर सिंह जी ने ब्रिटिश सेना के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपनी सेना की मदद से ब्रिटिश सेना को खदेड़ दिया , जगदीसपुर किले से यूनियन जैक नीचे उतारा और अपना झंडा फहराया । वह 23 अप्रैल 1858 को अपने महल में लौटे और जल्द ही 26 अप्रैल 1858 को उनकी मृत्यु हो गई । को ऐसे वीर योद्धा को सलाम है।


वीर कुंवर सिंह जी के नाम पर भोजपुर जिला में क्या है?

1.वीर कुंवर सिंह जी के नाम पर आरा में veer kuwar Singh University है.

2.वीर कुंवर सिंह जी के नाम पर आरा में veer kuwar Singh park है.

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